भारत में आर्थिक असमानता के कारण बताइए
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भारत में आर्थिक असमानता के कई कारण हैं, जिनमें मुख्य रूप से निम्नलिखित शामिल हैं:
1. शैक्षिक असमानता: शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता में भेदभाव होने के कारण लोग समान अवसर नहीं पा पाते हैं। यह उच्च और निम्न वर्ग के बीच आर्थिक असमानता को बढ़ाता है।
2. रोजगार और आय में असमानता: विशेष रूप से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच रोजगार के अवसरों में बड़ा अंतर है। शहरी क्षेत्रों में बेहतर नौकरी के अवसर होते हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि और असंगठित क्षेत्र पर निर्भरता अधिक होती है।
3. वर्ग और जातिवाद: जाति और वर्ग आधारित भेदभाव के कारण सामाजिक और आर्थिक अवसरों में असमानता बनी रहती है। इससे गरीब और हाशिए पर रहने वाले समुदायों को उतने अवसर नहीं मिल पाते, जितने वे हकदार हैं।
4. आर्थिक संरचना में असंतुलन: भारत की अर्थव्यवस्था में बड़े और छोटे उद्योगों के बीच बड़ा अंतर है। बड़े उद्योगों और कंपनियों के पास अधिक संसाधन होते हैं, जबकि छोटे और पारंपरिक व्यवसायों को सीमित संसाधनों और अवसरों का सामना करना पड़ता है।
5. भूमि और संसाधनों की असमान वितरण: भारत में भूमि और अन्य प्राकृतिक संसाधनों का वितरण असमान है, जिससे कुछ क्षेत्रों में समृद्धि आती है, जबकि अन्य क्षेत्र पीछे रह जाते हैं।
6. पारंपरिक और सामाजिक संरचनाएं: भारत में कुछ पारंपरिक और सामाजिक संरचनाओं के कारण भी आर्थिक असमानता बनी रहती है, जैसे कि विवाह, परिवार और संपत्ति के वितरण पर सामाजिक मान्यताओं का प्रभाव।
7. आर्थिक नीतियाँ और शासन: कभी-कभी सरकारी नीतियाँ और शासन में असमानताएं होती हैं, जो विशेष क्षेत्रों और वर्गों को लाभ पहुंचाती हैं, जबकि अन्य को नुकसान पहुँचाती हैं।
इन कारणों के कारण भारत में आर्थिक असमानता बनी रहती है, और इससे सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक अ
संतुलन उत्पन्न होता है।