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भारतीय संविधान को कितने भागों में विभाजित किया जाता है?
भारतीय संविधान मूल रूप से 22 भागों (Parts) में विभाजित किया गया था। लेकिन संशोधनों के बाद वर्तमान में भारतीय संविधान में कुल 25 भाग हैं। प्रत्येक भाग विभिन्न विषयों और प्रावधानों को समर्पित है, जैसे कि नागरिकों के मौलिक अधिकार, राज्य की नीति निदेशक तत्व, संघीय संरचना आदि।
भारतीय संविधान मूल रूप से 22 भागों (Parts) में विभाजित किया गया था। लेकिन संशोधनों के बाद वर्तमान में भारतीय संविधान में कुल 25 भाग हैं। प्रत्येक भाग विभिन्न विषयों और प्रावधानों को समर्पित है, जैसे कि नागरिकों के मौलिक अधिकार, राज्य की नीति निदेशक तत्व, संघीय संरचना आदि।
नोआखाली काल में महात्मा गांधी के सचिव कौन थे ?
नोआखाली काल (1946-47) में महात्मा गांधी के सचिव प्यारे लाल नायर थे। प्यारे लाल गांधीजी के प्रमुख सचिव और विश्वासपात्र थे। उन्होंने गांधीजी के कार्यों, विचारों और आंदोलनों में उनका सहयोग किया और नोआखाली में सांप्रदायिक दंगों के दौरान भी उनके साथ रहे। इसके अतिरिक्त, सुशीला नायर और मनु गांधी भीRead more
नोआखाली काल (1946-47) में महात्मा गांधी के सचिव प्यारे लाल नायर थे। प्यारे लाल गांधीजी के प्रमुख सचिव और विश्वासपात्र थे। उन्होंने गांधीजी के कार्यों, विचारों और आंदोलनों में उनका सहयोग किया और नोआखाली में सांप्रदायिक दंगों के दौरान भी उनके साथ रहे।
इसके अतिरिक्त, सुशीला नायर और मनु गांधी भी उस समय गांधीजी के साथ सक्रिय रूप से जुड़ी हुई थीं और उनके दैनिक कार्यों में सहायता कर रही थीं
।
वर्ष 1930 में जोहानेसबर्ग में लॉ फर्म की स्थापना किसने की थी ?
वर्ष 1930 में जोहानेसबर्ग (दक्षिण अफ्रीका) में लॉ फर्म की स्थापना नेल्सन मंडेला और उनके सहयोगी ओलिवर टाम्बो ने की थी। यह फर्म "Mandela and Tambo" के नाम से जानी जाती थी और यह दक्षिण अफ्रीका की पहली अश्वेत लॉ फर्म थी। इस फर्म का उद्देश्य अश्वेत लोगों को कानूनी मदद प्रदान करना था, जो उस समय नस्Read more
वर्ष 1930 में जोहानेसबर्ग (दक्षिण अफ्रीका) में लॉ फर्म की स्थापना नेल्सन मंडेला और उनके सहयोगी ओलिवर टाम्बो ने की थी। यह फर्म “Mandela and Tambo” के नाम से जानी जाती थी और यह दक्षिण अफ्रीका की पहली अश्वेत लॉ फर्म थी।
इस फर्म का उद्देश्य अश्वेत लोगों को कानूनी मदद प्रदान करना था, जो उस समय नस्लभेद (अपार्थाइड) के कारण अन्याय और भेदभाव का शिकार हो रहे थे
।
महात्मा गांधी को किसने अर्धनग्न फकीर कहा था ?
महात्मा गांधी को "अर्धनग्न फकीर" (Half-Naked Fakir) कहने वाला व्यक्ति ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल थे। यह टिप्पणी चर्चिल ने उस समय की थी जब गांधीजी 1931 में गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए लंदन गए थे। गांधीजी का साधारण वस्त्र और जीवनशैली चर्चिल की आलोचना का विषय बना, औरRead more
महात्मा गांधी को “अर्धनग्न फकीर” (Half-Naked Fakir) कहने वाला व्यक्ति ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल थे।
यह टिप्पणी चर्चिल ने उस समय की थी जब गांधीजी 1931 में गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए लंदन गए थे। गांधीजी का साधारण वस्त्र और जीवनशैली चर्चिल की आलोचना का विषय बना, और उन्होंने इसे व्यंग्यात्मक रूप से “अर्धनग्न फकीर” कहकर संबोधित किया। यह गांधीजी के सादगी और आत्मसम्मान का प्रतीक बन गया
।
नोआखाली काल में महात्मा गांधी के सचिव कौन थे ?
नोआखाली काल (1946-47) में महात्मा गांधी के सचिव नंदलाल मेहता और प्यारे लाल नायर थे। इस समय प्यारे लाल गांधीजी के प्रमुख सचिव के रूप में कार्य कर रहे थे। नोआखाली में गांधीजी ने सांप्रदायिक दंगों के दौरान अहिंसा और शांति का संदेश फैलाने का प्रयास किया था, और उनके सचिवों ने इसमें उनका सक्रिय रूप से साथRead more
नोआखाली काल (1946-47) में महात्मा गांधी के सचिव नंदलाल मेहता और प्यारे लाल नायर थे। इस समय प्यारे लाल गांधीजी के प्रमुख सचिव के रूप में कार्य कर रहे थे। नोआखाली में गांधीजी ने सांप्रदायिक दंगों के दौरान अहिंसा और शांति का संदेश फैलाने का प्रयास किया था, और उनके सचिवों ने इसमें उनका सक्रिय रूप से साथ दिया।
लज़ारेट गुफा कहां स्थित है
लज़ारेट गुफा (Lazaret Cave) फ्रांस के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में, नीस (Nice) शहर के पास स्थित है। यह गुफा भूमध्य सागर के तट के नजदीक एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है। विशेषताएं: 1. प्रागैतिहासिक महत्व: लज़ारेट गुफा मानव विकास और प्रागैतिहासिक युग के अध्ययन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यहRead more
लज़ारेट गुफा (Lazaret Cave) फ्रांस के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में, नीस (Nice) शहर के पास स्थित है। यह गुफा भूमध्य सागर के तट के नजदीक एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है।
विशेषताएं:
1. प्रागैतिहासिक महत्व:
लज़ारेट गुफा मानव विकास और प्रागैतिहासिक युग के अध्ययन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह गुफा लगभग 1,70,000 से 1,20,000 वर्ष पुरानी है और यहां से निएंडरथल (Neanderthal) मानवों के अवशेष और उपकरण मिले हैं।
2. जीवन के प्रमाण:
इस गुफा में ऐसे प्रमाण मिले हैं जो दर्शाते हैं कि निएंडरथल मानवों ने यहां अस्थायी बस्तियां बसाई थीं।
3. उपकरण:
पत्थरों और हड्डियों से बने उपकरण इस गुफा में पाए गए हैं, जो यह दिखाते हैं कि उस समय के मनुष्य शिकार और भोजन संग्रहण में कुशल थे।
4. स्थानीय पर्यटक स्थल:
यह गुफा पुरातत्व और इतिहास में रुचि रखने वाले पर्यटकों और शोधकर्ताओं के लिए आकर्षण का केंद्र है।
यह गुफा मानव इतिहास के शुरुआती चरणों को समझने में महत्वपूर्ण
भूमिका निभाती है।
हादजा़ जन समुह कहां के रहने वाले हैं
हादजा जनसमूह (Hadza या Hadzabe) तंजानिया (Tanzania) के उत्तरी भाग में स्थित एक स्वदेशी जनजाति है। ये लोग मुख्य रूप से ग्रेट रिफ्ट वैली और लेक एयासी (Lake Eyasi) के आसपास निवास करते हैं। विशेषताएं: 1. शिकार और संग्रहण पर आधारित जीवनशैली: हादजा जनजाति दुनिया की कुछ ऐसी जनजातियों में से एRead more
हादजा जनसमूह (Hadza या Hadzabe) तंजानिया (Tanzania) के उत्तरी भाग में स्थित एक स्वदेशी जनजाति है। ये लोग मुख्य रूप से ग्रेट रिफ्ट वैली और लेक एयासी (Lake Eyasi) के आसपास निवास करते हैं।
विशेषताएं:
1. शिकार और संग्रहण पर आधारित जीवनशैली: हादजा जनजाति दुनिया की कुछ ऐसी जनजातियों में से एक है, जो आज भी पारंपरिक शिकार और कंद-मूल संग्रहण पर निर्भर करती है।
2. भाषा: इनकी भाषा ‘हादजा’ है, जो एक अलग ही प्रकार की भाषाई प्रणाली है, जिसमें क्लिक ध्वनियां शामिल होती हैं।
3. निवास: ये लोग मुख्य रूप से झोपड़ियों में रहते हैं और स्थायी बस्तियां नहीं बनाते।
4. संस्कृति: हादजा जनजाति की संस्कृति सरल और प्रकृति के करीब मानी जाती है। वे पशुपालन या खेती नहीं करते।
यह जनसमूह आज भी आधुनिक सभ्यता से काफी हद तक अलग रहता है और अपनी पारंपरिक जीवनशैली
को बनाए हुए है।
संपीडन क्या है
संपीडन (Compression) एक भौतिक प्रक्रिया है जिसमें किसी गैस या ठोस पदार्थ के कणों के बीच की दूरी को घटाया जाता है, जिससे उस पदार्थ का आयतन कम हो जाता है। संपीडन का मुख्य उद्देश्य पदार्थ को अधिक घना बनाना होता है। यह प्रक्रिया आमतौर पर गैसों में देखी जाती है, जैसे: गैसों का संपीडन: जब किRead more
संपीडन (Compression) एक भौतिक प्रक्रिया है जिसमें किसी गैस या ठोस पदार्थ के कणों के बीच की दूरी को घटाया जाता है, जिससे उस पदार्थ का आयतन कम हो जाता है। संपीडन का मुख्य उद्देश्य पदार्थ को अधिक घना बनाना होता है।
यह प्रक्रिया आमतौर पर गैसों में देखी जाती है, जैसे:
गैसों का संपीडन: जब किसी गैस को दबाया जाता है, तो इसके कण एक दूसरे के करीब आ जाते हैं, जिससे उसका आयतन घटता है और दबाव बढ़ता है। उदाहरण के लिए, हवा के गुब्बारे में हवा को संपीड़ित करना।
ध्वनि तरंगों में संपीडन: जब ध्वनि तरंगें किसी माध्यम (जैसे हवा) से गुजरती हैं, तो कण एक दूसरे के करीब आते हैं और फिर वापस दूर होते हैं, जिससे ध्वनि तरंगों का निर्माण होता है।
संपीडन का उपयोग विभिन्न तकनीकी प्रक्रियाओं में होता है, जैसे गैस सिलिंडरों में, इंजन में, और ध्वनि की रिकॉर्डिं
ग में।
सहजीविता किसे कहते है
सहजीविता (Symbiosis) एक जैविक संबंध है, जिसमें दो अलग-अलग प्रजातियाँ आपस में किसी प्रकार से जुड़ी रहती हैं और दोनों को इससे लाभ होता है। सहजीविता में तीन मुख्य प्रकार होते हैं: 1. मुटुअलिज़म (Mutualism): इसमें दोनों जीवों को लाभ होता है। उदाहरण के लिए, फूल और मधुमक्खियाँ। फूल को परागण में मददRead more
सहजीविता (Symbiosis) एक जैविक संबंध है, जिसमें दो अलग-अलग प्रजातियाँ आपस में किसी प्रकार से जुड़ी रहती हैं और दोनों को इससे लाभ होता है। सहजीविता में तीन मुख्य प्रकार होते हैं:
1. मुटुअलिज़म (Mutualism): इसमें दोनों जीवों को लाभ होता है। उदाहरण के लिए, फूल और मधुमक्खियाँ। फूल को परागण में मदद मिलती है और मधुमक्खियाँ शहद प्राप्त करती हैं।
2. कमेंसलिज़म (Commensalism): इसमें एक जीव को लाभ होता है, जबकि दूसरे जीव को कोई लाभ या हानि नहीं होती। उदाहरण के लिए, बग या पक्षी जब किसी बड़े जानवर के साथ चलते हैं, तो उन्हें भोजन के रूप में कीड़े मिलते हैं, लेकिन जानवर को कोई फर्क नहीं पड़ता।
3. पैरेसिटिज़म (Parasitism): इसमें एक जीव को लाभ होता है, जबकि दूसरे को हानि होती है। जैसे की परजीवी कीड़े या बैक्टीरिया, जो दूसरे जीवों के शरीर में रहते हैं और उनका पोषण चूसते हैं, जिससे होस्ट जीव को हानि होती है।
इस प्रकार, सहजीविता जीवन के विभिन्न रूपों के बीच अस्तित्व और विकास के लिए महत्वपूर्ण संबंधों का निर्मा
ण करती है।
फंजाई को मृत जीवी क्यों कहते है
फंजाई को मृत जीव (saprophytes) इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये जीवित पौधों या जानवरों के साथ सीधे सहजीविता नहीं रखते, बल्कि मृत या सड़े-गले जैविक पदार्थों से पोषण प्राप्त करते हैं। फंजाई, जैसे म्यूकोर और राइजोमाइसीस, सड़े-गले जैविक पदार्थों (जैसे मरे हुए पौधों और जानवरों) को अपने पोषण का स्रोत बRead more
फंजाई को मृत जीव (saprophytes) इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये जीवित पौधों या जानवरों के साथ सीधे सहजीविता नहीं रखते, बल्कि मृत या सड़े-गले जैविक पदार्थों से पोषण प्राप्त करते हैं।
फंजाई, जैसे म्यूकोर और राइजोमाइसीस, सड़े-गले जैविक पदार्थों (जैसे मरे हुए पौधों और जानवरों) को अपने पोषण का स्रोत बनाती हैं। इनका पोषण प्रक्रिया सैप्रोफाइटिज्म कहलाती है, जिसमें ये मृत और विघटित पदार्थों से ऊर्जा और पोषक तत्व प्राप्त करती हैं। इसलिए इन्हें मृत जीव कहा जाता है
।