परिचय
हिमाचल प्रदेश, जिसे “देवभूमि” के नाम से जाना जाता है, भारत का एक खूबसूरत पहाड़ी राज्य है। प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध संस्कृति और ऐतिहासिक धरोहर से भरपूर यह राज्य हर साल 25 जनवरी को अपना स्थापना दिवस मनाता है। यह दिन हिमाचल के लिए ऐतिहासिक महत्व रखता है, क्योंकि इसी दिन वर्ष 1971 में हिमाचल प्रदेश को भारतीय संघ का पूर्ण राज्य दर्जा प्राप्त हुआ था।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
हिमाचल प्रदेश का राज्य बनने का सफर एकता, संघर्ष और विकास का प्रतीक है। आजादी से पहले यह क्षेत्र ब्रिटिश भारत के अधीन कई रियासतों में बंटा हुआ था। 15 अप्रैल 1948 को आजादी के बाद इन रियासतों को मिलाकर हिमाचल प्रदेश नाम का मुख्य आयुक्त प्रांत बनाया गया।
1950 में इसे केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया। लेकिन, हिमाचल के लोगों की भावना और उनकी विशिष्ट पहचान को मान्यता देने के लिए राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग जोर पकड़ने लगी। अनेक प्रयासों और संघर्षों के बाद, हिमाचल प्रदेश को 25 जनवरी 1971 को भारतीय संघ का 18वां राज्य बनाया गया। यह उपलब्धि हिमाचल के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. यशवंत सिंह परमार के नेतृत्व में संभव हुई, जिन्हें आधुनिक हिमाचल का निर्माता कहा जाता है।
स्थापना दिवस का महत्व
स्थापना दिवस न केवल उत्सव का दिन है, बल्कि यह हिमाचल प्रदेश की प्रगति और संघर्ष की गाथा का प्रतीक है। यह दिन राज्य के उन नेताओं और नागरिकों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का अवसर है, जिन्होंने हिमाचल को आधुनिक और विकसित राज्य बनाने में योगदान दिया।
आज हिमाचल प्रदेश शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन और आधारभूत संरचना के क्षेत्र में भारत के अग्रणी राज्यों में गिना जाता है। राज्य में साक्षरता दर सबसे ऊंची है और यह सतत विकास और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में एक मिसाल बना हुआ है।

स्थापना दिवस समारोह
हिमाचल प्रदेश में स्थापना दिवस बड़े ही उत्साह और गर्व के साथ मनाया जाता है। शिमला सहित राज्य के विभिन्न जिलों और गांवों में समारोह आयोजित किए जाते हैं। इस दिन के प्रमुख आकर्षण इस प्रकार हैं:
- ध्वजारोहण समारोह: मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और राष्ट्रगान के साथ दिन की शुरुआत करते हैं।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम: हिमाचली नाटी और कुल्लू के लोकगीत जैसे पारंपरिक नृत्य और गीत प्रस्तुत किए जाते हैं।
- पुरस्कार वितरण: राज्य के विकास में योगदान देने वाले व्यक्तियों और संगठनों को सम्मानित किया जाता है।
- झांकियां और प्रदर्शनियां: विभिन्न विभागों द्वारा झांकियों और प्रदर्शनियों के माध्यम से राज्य की उपलब्धियों को दिखाया जाता है।
विद्यालयों, कॉलेजों और सामुदायिक केंद्रों में भी सांस्कृतिक कार्यक्रम, वाद-विवाद और निबंध प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।
हिमाचल प्रदेश: विकास और समृद्धि का प्रतीक
स्थापना दिवस के बाद से हिमाचल प्रदेश ने हर क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। राज्य की प्राकृतिक सुंदरता और पर्यावरण के प्रति जागरूक नीतियों ने इसे देश और विदेश के पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बनाया है। साथ ही, राज्य ने पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के क्षेत्र में कई सराहनीय कदम उठाए हैं।

निष्कर्ष
हिमाचल प्रदेश स्थापना दिवस राज्य की एकता, संस्कृति और उपलब्धियों का जश्न मनाने का दिन है। यह दिन हिमाचल की उस यात्रा को याद करने का अवसर है, जिसने इसे एक केंद्र शासित प्रदेश से एक उन्नत राज्य में बदल दिया।
आज जब हिमाचल प्रदेश नई ऊंचाइयों को छू रहा है, यह दिन हमें राज्य की पहचान, उसकी परंपराओं और उसके लोगों की अडिग भावना का स्मरण कराता है। आइए, इस गर्वपूर्ण अवसर पर हिमाचल की संस्कृति और समृद्धि को नमन करें और इसके उज्ज्वल भविष्य की कामना करें।
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