मंत्रीमंडल और मंत्रिपरिषद में क्या अंतर है
Sign Up to our social questions and Answers Engine to ask questions, answer people’s questions, and connect with other people.
Login to our social questions & Answers Engine to ask questions answer people’s questions & connect with other people.
Lost your password? Please enter your email address. You will receive a link and will create a new password via email.
Please briefly explain why you feel this question should be reported.
Please briefly explain why you feel this answer should be reported.
Please briefly explain why you feel this user should be reported.
मंत्रिमंडल (Cabinet) और मंत्रिपरिषद (Council of Ministers) भारतीय संसदीय व्यवस्था के तहत सरकार की कार्यकारी शाखा के अंग हैं, लेकिन इन दोनों के बीच कार्य और संरचना के आधार पर महत्वपूर्ण अंतर हैं।
—
1. परिभाषा और संरचना:
मंत्रिमंडल:
मंत्रिमंडल सरकार का मुख्य निर्णय-निर्माण निकाय है।
इसमें प्रधानमंत्री और कैबिनेट मंत्री (महत्वपूर्ण मंत्रालयों के प्रमुख) शामिल होते हैं।
यह एक संघनित और छोटा समूह है।
मंत्रिपरिषद:
मंत्रिपरिषद सभी प्रकार के मंत्रियों का समूह है।
इसमें तीन प्रकार के मंत्री शामिल होते हैं:
1. कैबिनेट मंत्री
2. राज्य मंत्री
3. उप राज्य मंत्री
यह मंत्रिमंडल की तुलना में बड़ा निकाय है।
—
2. कार्य और भूमिका:
मंत्रिमंडल:
मंत्रिमंडल सरकार की नीतियों और निर्णयों को तैयार करता है।
यह महत्वपूर्ण मुद्दों, जैसे बजट, रक्षा, विदेश नीति आदि पर निर्णय लेता है।
कैबिनेट की बैठकों में केवल कैबिनेट मंत्री और प्रधानमंत्री हिस्सा लेते हैं।
मंत्रिपरिषद:
मंत्रिपरिषद का काम मंत्रिमंडल के निर्णयों को लागू करना है।
यह संसद में विधेयकों को पेश करने, सरकारी कार्यक्रमों का संचालन, और प्रशासनिक कार्यों को सुनिश्चित करता है।
—
3. संवैधानिक स्थिति:
मंत्रिमंडल:
मंत्रिमंडल का उल्लेख भारतीय संविधान में प्रत्यक्ष रूप से नहीं किया गया है।
इसे मंत्रिपरिषद का हिस्सा माना जाता है।
मंत्रिपरिषद:
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 74(1) के तहत इसका गठन होता है।
इसमें प्रधानमंत्री और अन्य मंत्री शामिल होते हैं।
—
4. आकार और सीमा:
मंत्रिमंडल:
सीमित संख्या में मंत्री होते हैं।
केवल वरिष्ठ और प्रमुख मंत्रालयों के प्रमुख शामिल होते हैं।
मंत्रिपरिषद:
यह बड़ा निकाय होता है, जिसमें सभी स्तरों के मंत्री शामिल होते हैं।
—
5. बैठकें:
मंत्रिमंडल:
नियमित रूप से बैठकें करता है और निर्णय लेता है।
मंत्रिपरिषद:
पूरे मंत्रिपरिषद की बैठकें बहुत कम होती हैं।
—
मुख्य अंतर का सार:
—
निष्कर्ष:
मंत्रिमंडल मंत्रिपरिषद का एक छोटा लेकिन अधिक शक्ति
शाली हिस्सा है, जो प्रमुख निर्णयों का नेतृत्व करता है, जबकि मंत्रिपरिषद उन निर्णयों को कार्यान्वित करने में मदद करती है।
मंत्रीमंडल (Council of Ministers):
प्रधानमंत्री सहित सभी मंत्री (कैबिनेट, राज्य, उप-मंत्री) शामिल होते हैं।
यह प्रशासनिक कार्यों का संचालन करता है।
मंत्रिपरिषद (Cabinet):
मंत्रीमंडल का छोटा हिस्सा, जिसमें केवल कैबिनेट मंत्री शामिल होते हैं।
यह नीति निर्माण और महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार है।
मुख्य अंतर:
1. मंत्रीमंडल बड़ा समूह है; मंत्रिपरिषद छोटा।
2. मंत्रीमंडल प्रशासन में मदद करता है; मंत्रिपरिषद फैसले लेती है।
3. मंत्रिपरिषद अधिक शक्तिशाली और निर्णय लेने वाली संस्था है।